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बायोलॉजिकल प्लांट, जॉगिंग ट्रैक और लिली पोंड्स से सिरपुर लेक की होगी काया पलट!

भारत का सबसे स्वच्छ शहर “इंदौर ” स्वच्छता में हैटट्रिक लगाने के बाद अब हरियाली और पर्यावरण के क्षेत्र में भी अपने आप को अग्रसर बनाने का प्रयास कर रहा है | नगर निगम इंदौर शहर के विभिन्न क्षेत्रों में हरियाली को बढ़ाने के लिए सतत प्रयास कर रहा है | इंदौर शहर के प्रमुख सिरपुर तालाब जो की 600 एकड़ में फैला है, नगर निगम और जल संसाधन ने इसके विकास के लिए योजना बनाई है, जिसे अमृत योजना कहा जा रहा है, जिसकी लागत 13 करोड़ बताई जा रही है। जिससे सिरपुर तालाब में तमाम बदलाव किया जायेंगे।

कॉलोनियों से आने वाली गंदगी को रोकेंगे :-

सिरपुर तालाब में सबसे ज्यादा पानी हवा बंगला की तरफ से कॉलोनियों से बहता हुआ आता है। 10 अवैध कॉलोनियों के कारण यह सारा पानी स्टॉर्म वाटर लाइन से नहीं बल्कि सड़कों से बहकर आता है। यह सारा पानी ग्वाला कॉलोनी की तरफ से ओपन ड्रेन से लेकर इंटरप्रिटेशन सेंटर ले जाया जा रहा है। यहां पर तीन बायोलॉजिकल टैंक बनेंगे। जिससे गन्दा पानी रोकने में मदद मिलेगी।

जागिंग ट्रैक और वॉक-वे बनाया जायेगा :-

यहां से इंटरप्रिटेशन सेंटर तक जॉगिंग ट्रैक और वॉक-वे बनेगा। यहां गेविएन वॉल बनेगी जिससे तालाब का एक्सेस पानी पत्थरों के बीच से निकल सके।अमृत योजना के फंड से इंटरप्रिटेश सेंटर तथा उसके आसपास पार्क बनाया जा रहा है। वहां नेचर बर्ड सेंटर भी बन रहा है। इसमें लोगों को जानकारी मिलेगी कि यहां कितने समय में पक्षी आते हैं, क्या खाते हैं, कब तक रहते हैं। सेंटर का ढांचा तैयार हो गया है। उसका इंटीरियर और एक्सटीरियर नेचरल लुक देते हुए तैयार किया जा रहा है।

लिलि पोंड, एक्वेटिक नर्सरी बनेगी :-

धार रोड वाले गार्डन का लेवल उठाकर वहां लिलि पोंड बनाए जाएंगे। इसके लिए तालाब से ही पानी लाया जाएगा। ट्रांसफर स्टेशन के पास से दरगाह तक नर्सरी भी बनाई जा रही है। जिससे शहर की खूबसूरती और निखरेगी।

ड्रेनेज का पानी नहीं मिलेगा:-

अमृत के फंड से ही छोटे सिरपुर में मिलने वाले ड्रेनेज के पानी को रोकने के लिए नई लाइन डाली गई है। अगले साल से सिरपुर में ड्रेनेज का पानी जाना पूरी तरह बंद हो जाएगा।

टीम @indorehd आशा करता है की नगर निगम द्वारा उठाए जा रहे कदम भविष्य में काफी सकारत्मक नतीजे लाएंगे और इंदौर को साफ़, हरा भरा और स्वस्थ भी बनाएंगे |

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