सूर्य ग्रहण जिसे सर्योपरागग भी कहते है तब होता है, जब सूर्य आंशिक अथवा पूर्ण रूप से चन्द्रमा द्वारा आवृ्त (व्यवधान / बाधा) हो जाए। इस प्रकार के ग्रहण के लिए चन्दमा का पृथ्वी और सूर्य के बीच आना आवश्यक है। इससे पृ्थ्वी पर रहने वाले लोगों को सूर्य का आवृ्त भाग नहीं दिखाई देता है। सूर्य ग्रहण 3 प्रकार के होते है :-
पूर्ण सूर्य ग्रहण
आंशिक सूर्य ग्रहण
वलयाकार सूर्य ग्रहण
जून 21 का सूर्य ग्रहण न ही आंशिक सूर्य ग्रहण होगा और न ही पूर्ण सूर्य ग्रहण क्यूंकि चन्द्रमा की छाया सूर्य का करीब 99% भाग ही ढकेगी। जिससे सूर्य आसमान में एक आग की अंगूठी की तरह नजर आएगा। यह सूर्य ग्रहण होगा वलयाकार सूर्य ग्रहण। । जिसमें चन्द्रमा सूर्य का करीब 98.8% भाग ढक देगा।
क्या होता है वलयाकार सूर्य ग्रहण?
वलयाकार सूर्य ग्रहण तब होता है जब चन्द्रमा की छाया सूर्य का करीब 99% भाग ही ढकेगी। आकाश मंडल में चंद्रमा की छाया सूर्य के साथ मिलकर सूर्य के चारों ओर एक वलयाकार आकृित बनायेगी। जिससे सूर्य आसमान में एक भाग को पूरी तरह से ढक लेता है तो इस घटना को वलयाकार सूर्य ग्रहण कहा जाता है। इसके परिणाम स्वरुप सूर्य का घेरा एक चमकती अंगूठी की तरह दिखाई देता है।
भारत समेत इस ग्रहण का नजारा नेपाल, पाकिस्तान, सऊदी अरब, यूऐई, एथोिपया तथा कांगो में दिखेगा। वहीं भारत में देहरादून, सिरसा अथवा टिहरी कुछ प्रसिद्ध शहर है जहां पर लोग वलयाकार सूर्य ग्रहण का खूबसूरत नजारा देख पाएंगे। देश के अन्य हिस्सों में आंशिक सूर्य ग्रहण दिखाई देगा।
Solar Eclipse June 2020 : 6 घंटे लंबा होगा ग्रहण काल
21 जून को सुबह 9:15 बजे से ग्रहण शुरू हो जाएगा और 12:10 बजे दोपहर में पूर्ण ग्रहण दिखेगा। इस दौरान कुछ देर के लिए हल्क अंधेरा सा छा जाएगा। इसके बाद 03:04 बजे ग्रहण समाप्त होगा। यानी यह ग्रहण करीब 6 घंटे लंबा होगा। देश के अन्य शहरों में ग्रहण के समय में कुछ अंतर देखने को मिल सकता है।
जैसे देश की राजधानी दिल्ली में सूर्य ग्रहण की शुआत 10:20 AM के करीब होगी। ग्रहण 12:02 PM बजे अपने पूर्ण प्रभाव में होगाऔर इसकी समाप्ति 01:49 PM पर होगी। इस ग्रहण का सूतक काल मान्य होगा। जिसकी शुरुआत ग्रहण लगने से ठीक 12 घंटे पहले हो जाएगी। सूतक 20 जून की रात 09:52 बजे से लग जाएगा।
कुछ चीज़ें जिनका विशेष ध्यान रखना होगा –
खुली आंखों से न देखें सूर्य ग्रहण
चन्द्रमा की तरह सूर्य ग्रहण खुली आंखों से नहीं देखना चाहिए। ऐसा कहा जाता है की इसका बुरा असर आपकी आंखों पर पड़ सकता है। सूर्य ग्रहण को सुरक्षित तकनीक या तो अलुमिनटेड मायलर, ब्लैक पॉिलमर, शेड नंबर 14 के वेल्डिंग गिलास या टेलिस्कोप द्वारा सफ़ेद बोर्ड पर सूर्य की इमेज को प्रोजेक्ट करके उचित फ़िल्टर का उपयोग करके देखा जा सकता है।
ग्रहण के समय सोना नहीं चाहिए
ग्रहण के समय सोना नहीं चाहिए, कहते हैं की सोने से मनुष्य रोगी होता है लेकिन गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों , बच्चों और रोगियों को यह नियम मानने की ज़रूरत नहीं है।
नए काम की शुरुआत
ज्योतिषों के अनुसार ग्रहण के समय किसी भी नए कार्य की शुरुआत नहीं करनी चाहिए।