नदी से नाले में बदल चुकी कान्ह नदी में गंदे पानी की मात्रा कम होने लगी है और उपचारित बदबूरहित पानी नदी में जगह बनाता जा रहा है। इंदौर नगर निगम करीब छह साल बाद यह महत्वपूर्ण कार्य पूरा करने जा रहा है। इस ऐतिहासिक कार्य को भुनाने के लिए नगर निगम शहर में बड़ा उत्सव मनाने की तैयारी कर रहा है।
स्वाभाविक रूप से आगामी स्वच्छता सर्वे में यह बड़ी उपलब्धि इंदौर के खाते में दर्ज होगी, क्योंकि और किसी शहर ने अब तक स्वच्छता सर्वे के तहत इतना बड़ा काम नहीं किया है। इससे इंदौर का दावा सबसे पुख्ता होगा। यह पूरी कवायद वाटर प्लस सर्टिफिकेट प्राप्त करने के लिए की जा रही है।
ऐसे साफ हुई कान्ह :-
- 2014 से कान्ह नदी शुद्धीकरण का काम शुरू हुआ, लेकिन 2016 से 2018 तक बंद रहा।
- 2018 में फिर काम युद्धस्तर पर चालू हुआ और अब पूरा होने के करीब है।
- कान्ह नदी से 5 बड़े नाले मिलते हैं, जिनमें आजाद नगर, भमोरी, पलासिया, पीलियाखाल और लिंबोदी नाले शामिल हैं।
- नालों में 1300 बड़े आउटफाल बंद करने के अलावा लोगों को विश्वास में लेकर हजारों छोटे घरेलू आउटफाल बंद करना काफी मुश्किल था।
- 74 हजार मीटर लंबाई में अलग-अलग प्रकार की लाइन बिछानी पड़ी।
- इस नदी के पुनरुद्धार पर 159 करोड़ रुपये से ज्यादा राशि खर्च की है।