मध्य प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र में वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा ने कई घोषणाएं की हैं। प्रदेश का कुल बजट 2 लाख 79 हजार 237 करोड़ रुपये का है। मध्य प्रदेश में इस बार कोई नया कर नहीं लगाया गया। जानिए इस बजट में किस सेक्टर को क्या मिला।
स्वास्थ्य
हेल्थ सेक्टर के लिए इस बार बजट 29% बढ़ा है, जिसके लिए 10380 करोड़ खर्च होंगे। मेडिकल एजुकेशन के लिए बजट में इस बार 4% की कटौती के साथ सिर्फ 2561 करोड़ ही है। इसमें जिला, सिविल अस्पताल, और औषधालय के लिए 1180 करोड़, राष्ट्रिय स्वास्थ्य मिशन के लिए 3600 करोड़, स्वास्थ्य केंद्रों की स्थापना एवं संचालन के लिए 1033 करोड़ रुपए का प्रावधान रखा गया है।
चाइल्ड बजट
जेंडर बजट के बाद पहली बार चाइल्ड बजट आया है। यूनिसेफ की गाइडलाइन पर 18 वर्ष से कम उम्र वाले बच्चो से जुडी सारी योजनाओं को एक बकेट में लिया गया है। इसमें 17 विभागों में चलने वाली 57,803 करोड़ की 220 योजनाएं हैं।
शिक्षा
इस बार शिक्षा क्षेत्र में पिछले साल से 1839 करोड़ ज्यादा खर्च होंगे। इस बार के बजट में 27792 करोड़ रु.शिक्षा पर खर्च होंगे। प्राथमिक शालाओं के लिए 3383 करोड़, शासकीय हाई/हायर सेकेंडरी शालाओं के लिए 3160 करोड़, कला, विज्ञान तथा वाणिज्य महाविद्यालय के लिए 2109 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।
कृषि
मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के अंतर्गत 3200 करोड़, अटल कृषि योजना के अंतर्गत 4592 करोड़, मुख्यमंत्री कृषक उपार्जन सहायता योजना के लिए 2000 करोड़ रुपए का प्रावधान घोषित किया गया है।
प्रदेश में सिंचाई क्षमता 43 लाख हेक्टेयर में पहुंची है। 48 लाख हेक्टेयर में सिंचाई की व्यवस्था और 2500 करोड़ बिजली सब्सिडी देने का प्राविधान किया गया। मध्य प्रदेश की फसलों को जीआइ टैग दिलाने का प्रयास जारी है।
धर्म
इस बार के बजट में धर्म पर जोर दिया गया है, इसके लिए 1200 करोड़ रु. खर्च किये जाएंगे। इसमें गो-संवर्धन के लिए 90 करोड़, गो अभ्यारण पर 9.77 करोड़, बुजुर्गो के तीर्थ दर्शन के लिए 30 करोड़, शंकराचार्य की मूर्ति और वेदांत पीठ को 370 करोड़, महाकाल मंदिर प्रोजेक्ट के लिए 700 करोड़ प्रस्तावित किए गए है।
रोजगार
इस बार के बजट में स्व-रोजगार पर ज्यादा जोर दिया गया है। जो युवा उद्योग लगाएंगे उन्हें 30 दिन में सभी मंजूरी मिल जाएगी। सरकार इस साल 13 हजार शिक्षकों, 6 हजार पुलिस आरक्षकों की भर्ती करेगी। सरकारी और प्राइवेट नौकरी मिलकर 1 लाख से ज्यादा रोजगार के अवसर दिए जाएंगे। सामाजिक और आर्थिक उत्थान की योजनाओं पर 1 लाख 17 हजार 36 करोड़ रु. खर्च किए जाएंगे। राज्य में 11 नए औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जाएंगे। इससे 11 हजार से ज्यादा रोजगार के अवसर विकसित होंगे।
आजीविका के नए अवसर मिले, इसके लिए कंप्यूटर प्रशिक्षण कौशल केंद्र का निर्माण किया जाएगा।
सड़क योजना
इस बार बजट में 8590 करोड़ का प्रावधान सड़कों के लिए रखा गया है। पीएम ग्राम सड़क के तहत 4584 किमी तो सीएम ग्राम सड़क योजना में 1200 किमी सड़कें बनेगी। 268 नए पुल बनाए जाएंगे। 2443 करोड़ सड़क मेंटनेंस के लिए रखा गया है। नगरीय क्षेत्रों में सड़कों के निर्माण और मेंटनेंस के लिए 608 करोड़ प्रस्तावित है।
पीपीपी मॉडल के तहत 217 इलेक्ट्रॉनिक व्हिकल चार्जिंग स्टेशन बनेंगे। ये स्टेशन भोपाल, इंदौर, जबलपुर शहर में लगेंगे।
इस बजट में इंदौर को क्या मिला
- एयर टरबाइन फ्यूल पर वैट 25 %से घटकर 4% होने से टिकट रेट कम हो सकते है। कार्गो चार्जेस भी कम हो सकते है। फ्लाइट कनेक्टिविटी भी बढ़ेगी।
- इंदौर रीजन से जुड़े देवास में मेडिकल डिवाइस पार्क बनेगा। हेल्थ और सर्जरी से जुड़े उपकरण बनाए जाएंगे। जमीन 33 साल की लीज पर मात्र 20 रु. प्रति वर्गमीटर सालाना की दर से दी जाएगी।
- पीपीपी मोड पर इंदौर में इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिए 120 चार्जिंग स्टेशन बनेंगे।
- इंदौर के औद्योगिक एरिया में 17 से ज्यादा सड़के बनेगी। इससे माल परिवहन में आसानी होगी।
- आलू निर्यात प्रोत्साहन योजना से उत्पादन रकबा बढ़कर 50 हजार हेक्टेयर से ज्यादा हो जाएगा।
- बजट में 11% डीए बढ़ने से इंदौर के 27 हजार सरकारी कर्मचारियों को 8-10 हजार का फायदा होगा।
कुछ उम्मीदें इस बजट से जो थी वो पूरी न हो सकी। इनमे एक है आरटीओ टैक्स, प्रदेश में लग्जरी कारों पर आरटीओ टैक्स बहुत ज्यादा है। पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स पर लागू वैट को लेकर भी कोई घोषणा नहीं हुई।
मुख्यमंत्री ने इस बजट पर कहा कि मध्य प्रदेश आत्मनिर्भर भारत बनाने में अपना पूरा योगदान दे रहा है। राज्य सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 19.74 फीसदी पहुंच गया है जो की देश में करंट रेट में अब तक सबसे ज्यादा है।
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