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    क्‍या है पुलिस कमिश्‍नर सिस्‍टम जिसे मध्‍य प्रदेश के भोपाल और इंदौर में लागू किया जाएगा ?

    हाल ही में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्य में पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागु करने की घोषणा की है। शहर की बढ़ती आबादी, अपराध रोकने और कानून व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए यह कदम उठाया गया है। अभी प्रदेश में कही भी यह सिस्टम नहीं है। जानिये पुलिस कमिश्नर सिस्टम के बारे में पूरी जानकारी –

    क्‍या है पुलिस कमिश्‍नर सिस्‍टम ?

    आमतौर पर किसी भी आकस्‍म‍िक परिस्‍थ‍ित‍ि में पुलिस अध‍िकारी बड़े फैसले लेने के लिए स्‍वतंत्र नहीं होते। इन्‍हें जिलाध‍िकारी, मंडल आयुक्‍त और शासन की ओर जारी होने वाले निर्देशों के आधार पर काम करना पड़ता है। पुलिस कमिश्‍नर सिस्‍टम लागू होने के बाद पुलिस के अध‍िकार बढ़ जाएंगे। पुलिस कमिश्‍नर को मजिस्ट्रेट पॉवर मिलती है जिससे वें कोई भी निर्णय ले सकेंगे।

    देश में कहाँ-कहाँ पुलिस कमिश्‍नर सिस्टम है ?

    देश में अभी यह सिस्टम 16 राज्यों के 70 शहरों में लागू है। इनमें पंजाब, हरियाणा, ओड‍िशा और राजस्‍थान शामिल है। मध्‍य प्रदेश में लागू होने वाला पुलिस कमिश्‍नर सिस्‍टम दूसरे महानगरों की तरह ही होगा या इसमें कुछ बदलाव होंगे, यह लागू होने के बाद ही पता चलेगा।

    सिस्‍टम लागू होने के बाद पुलिस को कौन से अध‍िकार मिलेंगे ?

    कार्रवाई करने के लिए मजिस्‍ट्रेट के अध‍िकार डीसीपी और एसीपी को मिल जाएंगे। आर्म्‍स, आबकारी और बिल्डिंग परमिशन के लिए दी जाने वाली NOC पुलिस जारी कर सकेगी।

    इसके अलावा क्षेत्र में धारा 144 लागू करने, लाठीचार्ज करने और धरना प्रदर्शन-रैलियों की अनुमति देने का आध‍िकार भी पुलिस के पास होगा।
    होटल और बार के लाइसेंस, हथियार के लाइसेंस देने का अधिकार भी पुलिस को मिल जाता है।

    ट्रैफिक कंट्रोल पूरी तरह से, किसी आरोपी का ड्राइविंग लाइसेंस निरस्त करवाने जैसे आरटीओ के अधिकार भी मिल जाएंगे।

    पुलिस कमिश्‍नर सिस्‍टम क्यों ?

    मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्‍तम मिश्रा का कहना है, भोपाल और इंदौर दोनों शहरों की आबादी बढ़ रही है। शहरों में अपराध को रोकने और कानून व्‍यवस्‍था को बेहतर बनाने के लिए पुलिस कमिश्‍नर सिस्‍टम को लागू करने का फैसला लिया गया है। सरकार शहर की स्‍थ‍ित‍ि के आधार पर डीसीपी की तैनाती करेगी जो एसपी रैंक के होंगे।

    आजादी से पहले भी थी कमिश्‍नर प्रणाली

    पुराने रिकॉर्ड्स से पता चलता है की आजादी से पहले अंग्रेजों के दौर में कमिश्नर प्रणाली लागू थी, इसे आजादी के बाद भारतीय पुलिस ने अपनाया। कमिश्‍नर व्यवस्था में पुलिस कमिश्‍नर का सर्वोच्च पद होता है। उस जमाने में ये सिस्टम कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में हुआ करता था। इसमें ज्यूडिशियल पावर कमिश्‍नर के पास होता है। यह व्यवस्था पुलिस प्रणाली अधिनियम, 1861 पर आधारित है।

    कमिश्नर प्रणाली के बाद कैसे बदलेगा पुलिस रैंकिंग सिस्टम

    पुलिस कमिश्नर (सीपी)– एडीजी रैंक अधिकारी
    ज्वाइंट सीपी- आईजी रैंक अधिकारी
    एडिशनल सीपी- डीआईजी रैंक अधिकारी
    डिप्टी कमिश्नर – एसएसपी और एसपी रैंक अधिकारी
    असि. कमिश्नर – एसएसपी और डीएसपी रैंक के इसके बाद टीआई होंगे।

    पुलिस कमिश्‍नर सिस्‍टम कबसे लागू होगा ?

    पहले कैबिनेट इस सिस्टम को स्वीकृति देगी। सरकार अध्यादेश लाकर राज्यपाल की स्वीकृति से अधिसूचना लाएगी। विधानसभा से इसे पास होने में 6 महीनें लग जाते है पर सरकार यह सिस्टम जल्द ही लागू करना चाहती है। इस माह के अंत तक इंदौर और भोपाल में पुलिस कमिश्‍नर सिस्‍टम लागू हो सकता है। इसमें इंदौर को वेस्ट और ईस्ट की जगह शहर और ग्रामीण में बांटा जाएगा। यही व्यवस्था भोपाल में होगी। यह व्यवस्था ग्रामीण में नहीं होगी।

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