कोरोना के बढ़ते केसेस को मद्देनज़र रखते हुए भारतीय बीमा नियामक (Irdai) ने सभी हेल्थ एवं जनरल इंश्योरेंस कंपनियों को 10 जुलाई से कोरोना पर केंद्रित छोटी अवधि की हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी जारी करने को कहा है। इसके तहत नियामक ने दो तरह की पॉलिसी का ऐलान किया है :-
1. इंडेम्निटी बेस्ड पॉलिसी ‘कोरोना कवच’
2. स्टैंडर्ड बेनिफिट बेस्ड पॉलिसी ‘कोरोना रक्षक’
इंडेम्निटी बेस्ड पॉलिसी में इलाज का पूरा खर्च दिया जाता है, जिसकी अधिकतम सीमा सम इंश्योर्ड के बराबर होती है। कोरोना पर केंद्रित होने के बावजूद ‘कोरोना कवच’ पॉलिसी में बीमा अवधि के दौरान अन्य सभी बीमारियों का इलाज भी कवर होगा। इस पॉलिसी की अवधि 3.5 से 9.5 महीने के बीच रहेगी। सभी जनरल और हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों को अनिवार्य रूप से ‘कोरोना कवच’ पॉलिसी जारी करने को कहा गया है। ‘कोरोना कवच’ में अस्पताल में भर्ती होने पर रूम, पीपीई किट, ग्लव्स, मास्क व अन्य खर्च शामिल होंगे। आयुष ट्रीटमेंट भी इसमें कवर होगा। घर पर रहकर इलाज होने की दशा में भी 14 दिन के लिए इलाज का खर्च कवर किया जाएगा।
वहीं बेनिफिट बेस्ड पॉलिसी में जांच के बाद सम इंश्योर्ड के बराबर की राशि एकमुश्त दे दी जाती है। ‘कोरोना रक्षक’ पॉलिसी को वैकल्पिक रखा गया है। ‘कोरोना रक्षक’ के मामले में कोविड-19 पॉजिटिव पाए जाने के बाद मरीज को कम से कम 72 घंटे अस्पताल में भर्ती होना होगा। उसे सम इंश्योर्ड की पूरी राशि एकमुश्त दे दी जाएगी।
आपको बता दें इन दोनों ही पॉलिसी के मामले में नियामक ने स्पष्ट किया है कि प्रीमियम पूरे देश में एक जैसा होगा। क्षेत्र के आधार पर प्रीमियम में बदलाव की अनुमति नहीं होगी। कोरोना कवच में 50,000 रुपये से पांच लाख रुपये तक का सम इंश्योर्ड होगा। वहीं कोरोना रक्षक पॉलिसी में यह सीमा 50,000 रुपये से ढाई लाख रुपये तय की गई है।
इस बीमा की अवधि 105 दिन, 195 दिन और 285 दिन तय की गई है। दोनों पॉलिसी में 18 से 65 साल के लोगों का बीमा हो सकेगा। तीन महीने से 25 साल की उम्र के आश्रित बच्चों का भी बीमा किया जाएगा। परिवार को शामिल करने का विकल्प केवल ‘कोरोना कवच’ में होगा। ‘कोरोना रक्षक’ एक व्यक्तिगत पॉलिसी होगी। 15 दिन के वेटिंग पीरियड पर दोनों पॉलिसी एक्टिव हो जाएंगी और इनका प्रीमियम एकमुश्त देना होगा।
इरडा ने तीन पॉलिसी के नाम के लिए मांगे सुझाव
इरडा ने तीन बीमा पॉलिसी के लिए लोगों से नामों का सुझाव मांगा है। इरडा ने कहा कि नाम ऐसे होने चाहिए, जिनसे पता चल जाए कि संबंधित नाम वाले उत्पाद किस वर्ग के लिए हैं और उनका क्या उद्देश्य है। ये सुझाव ‘अग्निकांड एवं विशेष आपदा’ श्रेणी में आवास तथा छोटे व्यवसायों पर केंद्रित पॉलिसी के लिए मांगे गए हैं। उचित नाम सुझाने वालों को 10-10 हजार रुपये के नकद पुरस्कार तथा प्रशस्ति पत्र प्रदान किए जाएंगे। इन पॉलिसियों का उद्देश्य आवासीय इकाइयों और छोट व्यवसायों को बाढ़ आदि विनाशकारी घटनाओं के समय बीमा सुरक्षा प्रदान करना है।