प्रदेश के एजुकेशन हब कहलाने वाला इंदौर उच्च शिक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की दौड़ में शामिल हो गया है। देवी अहिल्या स्टेट यूनिवर्सिटी के साथ अब यहां नौ निजी यूनिवर्सिटी हो गई हैं। अगले साल दो नई निजी यूनिवर्सिटी शुरू होंगी, जबकि 2022 में तीन और 2023 में भी एक यूनिवर्सिटी आएगी। महज नौ साल पहले 2011 में इंदौर में पहली निजी यूनिवर्सिटी शुरू हुई थी।
ओरिएंटल यूनिवर्सिटी की शुरुआत के समय यह अनुमान भी नहीं था कि 2020 में संख्या नौ पर पहुंच जाएगी। इंदौर में हर वर्ष एक यूनिवर्सिटी खुली है। इन यूनिवर्सिटी में छात्र संख्या 25 हजार पार पहुंचने की संभावना है।
2011 के बाद इंदौर में निजी यूनिवर्सिटी की डिमांड तेजी से बढ़ी। इसके बाद ही वैष्णव विद्यापीठ, रेनेसां, सिम्बायोसिस, एपीजे अब्दुल कलाम, मेडीकेप्स, मालवांचल, सेज जैसी यूनिवर्सिटी खुलती गईं। नरसीमुंजी जैसे ऑफ कैम्पस भी शुरू की जायगी।
इन निजी यूनिवर्सिटी में 40 फीसदी तक बाहरी छात्रों ने प्रवेश लिया है, और करीब 13% तक कुल एवरेज प्लेसमेंट भी बढ़ गया है। इंदौर के तीन बड़े एजुकेशन ग्रुप निजी यूनिवर्सिटी शुरू कर चुके हैं, जबकि 2 ग्रुप अगले साल शुरू करने जा रहे हैं।
5 ग्रुप बाहर के हैं, जिन्होंने यहां यूनिवर्सिटी शुरू की है। इंदौर बहुत तेजी से एजुकेशन हब के रूप में उभर रहा है। यहां जल्द ही बहुत सारे अन्य कॉलेज, कोचिंग संस्थान और यूनिविर्सटी आने वाले हैं, जिससे न केवल प्रदेश की शिक्षा में सुधार आएगा बल्कि अन्य छात्रों को भी फायदा होगा।