More

    6 Asanas से करें आपकी immunity boost

    योग हमारे शरीर, मन, आत्मा और ब्रह्मांड को जोड़ता है।योग हमारे जीवन से जुड़े भौतिक, मानसिक, भावनात्मक, आत्मिक और आध्यात्मिक पहलू पर भी बहुत गहराई से काम करता है। योग का इतिहास करीबन 5000 साल पुराना है। योग प्राचीन समय में मन और शरीर के अभ्यास के रूप में जाना जाता था। योग की विभिन्न शैलियाँ शारीरिक मुद्राएँ, साँस लेने की तकनीक और ध्यान या विश्राम को जोड़ती हैं।

    Image Source

    हाल के वर्षों में, योग ने शारीरिक व्यायाम के रूप में अपना एक अलग स्थान बनाया है।आज यह दुनियाभर में लोकप्रिय हो चुका है।यह तन और मन को नियंत्रण और शरीर को खोलने की एक अद्भुत क्रिया है। योगाभ्यास में कई अलग-अलग प्रकार के आसन और कई अनुशासन सम्मिलित हैं। आइये इस लेख की सहायता से इस्का इतिहास, विभिन्न मुद्राओं, फायदों और नुकसानों को जानने की कोशिश करते हैं

    आज हम 6 आसन सीखेंगे जो हमारी प्रतिरोधक क्षमता(immunity) को बढ़ाते हैं।सबसे पहले हमें पता करना होगा कि यह प्रतिरोधक क्षमता बनती कैसे है? शरीर में सफेद रक्त कोशिकाएं(WBC) का काम होता है प्रतिरोधक क्षमता बनाना। सफेद रक्त कोशिकाएं दो प्रकार के cell होते हैं – B-cell(एक सफेद रक्त कोशिका जो अस्थि मज्जा से आती है। प्रतिरक्षा प्रणाली के हिस्से के रूप में, बी कोशिकाएं एंटीबॉडी बनाती हैं और संक्रमण से लड़ने में मदद करती हैं। ईसे बी लिम्फोसाइट भी कहा जाता है।) और T-cell (एक प्रमुख लसीकाणु या लसीकाकोशिका (लिम्फ़ोसाइट) है)। मुख्य अंतर टी कोशिकाओं और बी कोशिकाओं के बीच यह है टी कोशिकाएं केवल संक्रमित कोशिकाओं के बाहर वायरल एंटीजन को पहचान सकती हैं जबकि बी कोशिकाएं बैक्टीरिया और वायरस के सतह एंटीजन को पहचान सकती हैं। यह दोनों मिलकर हमारी इम्यूनिटी को बढ़ाते हैं,खासकर वायरस ,बैक्टीरिया और फंगस को खत्म करते हैं।

    Image Source

    अब यह t-cells बनते कैसे हैं? Thymus gland जो कि हमारी छाती के पास मौजूद है, वही t-cells पैदा करती है।ईन t-cells को ले जाने का काम करते हैं lymph nodes, जो कि हमारे शरीर में 100 से भी अधिक मात्रा में होते हैं, खासकर हाथों में, श्रोणि क्षेत्र में, चेहरे और गर्दन के आसपास। लिम्फ नोड्स मांसपेशियों के संकुचन, गुरुत्वाकर्षण विरोधी अभ्यास और कूदने और गति जैसे पंपिंग अभ्यासों के माध्यम से सक्रिय होते हैं।

    सफेद रक्त कोशिकाएं (WBC) बनने की दो जगह होती है, एक spleen और दूसरी lymph nodes, तब , जब प्लीहा रक्त में संभावित खतरनाक बैक्टीरिया, वायरस या अन्य सूक्ष्मजीवों का पता लगाता है,लिम्फ नोड्स के साथ । इन सब पर प्रभाव डालता है योग आसन, जिससे सफेद रक्त कोशिकाएं (WBC) सहज रूप से मजबूत होगी और आपकी प्रतिरोधक क्षमता(immunity) बढ़ेगी।

    Image Source
    • अधोमुखश्वानासन – इस आसन में गुरुत्वाकर्षण अपना काम बखूबी करता है, क्योंकि यह रक्त के प्रवाह को सिर की ओर लाने और साइनस को साफ करने में मदद करता है।यह lymphatic system को एक्टिव करता है, जिस्से T-cells सक्रिय होते हैं और फिर यह रोग से लड़ने वाली सेना हर जगह पहुंचती है।
    Image Source
    • इंद्रासन/अर्ध मत्स्येन्द्रासन : अर्ध मत्स्येन्द्रासन (हाफ स्पाइनल ट्विस्ट) अधिवृक्क ग्रंथियों और पैराथायरायड ग्रंथियों को उत्तेजित करता है, तथाकथित “स्वास्थ्य के संरक्षक”। इसके अलावा, तिल्ली सक्रिय होती है, जो फेफड़ों के संक्रमण के लिए रक्षा कोशिकाओं का निर्माण करती है।इस आसन से पेल्विक स्ट्रेच होगा, चेस्ट खुलेगी, thymus gland सक्रिय होगी और lymph nodes active होंगे।
    6 asanas
    Image Source
    • भुजंगासन : भुजंगासन, एक कोबरा के उभरे हुड जैसा दिखता है।ईसे कोबरा पोज़ भी कहा जाता है। भुजंगासन सूर्यनमस्कार अभ्यास का हिस्सा है।15-30 सेकंड या 5-10 सांस के लिए इस बेसिक लेवल अष्टांग योग मुद्रा को करें। यह आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए फायदेमंद हो सकता है।इस से थाइमस ग्रंथि सक्रिय हो जाएगी, chest open hogi और lymph nodes active होंगे।
    6 asanas
    Image Source
    • सेतुबंध आसन/कंधरासन : सेतु बंधासन हृदय को खोलता है और रक्त परिसंचरण में सुधार करता है। यह रोगजनकों के खिलाफ बेहतर प्रतिरोध करने में मदद करने के लिए शरीर में ऊर्जा बढ़ाता है। यह आसन ऑटो- इम्यूनिटी और थाइमस ग्रंथि के सक्रिय विकास के लिए जिम्मेदार है
    6 asanas
    Image Source
    • मत्स्यासन : जब आप इस मुद्रा में आते हैं, तो थायरॉयड ग्रंथि उत्तेजित होती है, जो आपकी प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने में मदद करती है। मत्स्यासन आपके पाचन तंत्र से विषाक्त पदार्थों को भी खत्म करता है। यह मुद्रा हृदय केंद्र और कंधों को भी खोलती है और रीढ़ को लचीला बनाती है।
    6 asanas
    Image Source
    • सर्वांगासन : जब भी हम किसी भी तरह का inversion pose करते हैं तो blood flow हमारे lymphatic system की ओर होता है, जो कि हमारी immunity बढ़ाता है। यह मुद्रा विषाक्त पदार्थों को खत्म करने में मदद करके थायरॉयड ग्रंथियों, अधिवृक्क ग्रंथियों और शरीर के विषहरण को फिर से जीवंत करने में मदद करने के लिए जानी जाती है।

    महामारी के समय में अपनी प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक सभी कदम उठाएं। कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली एक व्यक्ति को कई जठरांत्र संबंधी समस्याओं के प्रति अधिक संवेदनशील बनाती है।योग आपके इम्युनिटी लेवल को ऊंचा रखने और अच्छे आकार में रहने का सही तरीका है।उपरोक्त आसनों के अलावा और भी सरल से अभ्यास है जो कि हमारी इम्यूनिटी को बढ़ाते हैं जैसे कि वज्रासन, धनुरासन, पवनमुक्तासन, पश्चिमोत्तानासन, पादहस्तासन।

    अभ्यास से पूर्व हुआ warm up जरूर करें और श्वास-विश्वास के साथ आसन करें। हर आसन का counter pose भी करें। आसन के बाद प्राणायाम व ध्यान जरूर करें।अगले प्रकाशन में हम प्राणायाम के बारे में जानकारी देंगे।

    Featured Image

    spot_img

    Latest articles

    narrativenarrative

    block of all narrative.

    quality Swiss sports.

    Related articles

    spot_img