दशहरे में अधिकांश लोगों ने पटाखे चलाने से परहेज किया और रावण के पुतले के आकार के घटने के कारण भी शहर की हवा अन्य आम दिनों की तुलना में दशहरे पर साफ थी। इसके अलावा, अधिकारियों का मानना था कि प्रदूषण का स्तर पिछले कई वर्षों में सबसे कम था, जो यह दशहरा के दिन कभी भी 100 से नीचे नहीं गिरा था।
मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार, 24 अक्टूबर को यानी दशहरा से एक दिन पहले वायु गुणवत्ता सूचकांक 100 था, लेकिन 25 अक्टूबर, यानी दशहरे के दिन यह घटकर 95 रह गया।
न केवल AQI, बल्कि अन्य प्रदूषक भी PM10 और PM2.5 सहित कम पक्ष में रहे। दशहरे से एक दिन पहले की तुलना में पीएम 10 और पीएम 2.5 तुलनात्मक रूप से कम थे।जो की पार्यावरण के हिसाब से बहुत अच्छी बात है।