मानसून का मौसम आ चूका हैं। यह मौसम नमी, कम तापमान और ह्यूमिडिटी से भरा होता है जिसके कारण डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया से लेकर वायरल बुखार जैसी कई बीमारियों का खतरा मानसून में बड़ा रहता है। इसी के साथ साथ इस साल कोरोनावायरस का भी खतरा लोगो पर मंडरा रहा है और क्यूंकि कोरोनावायरस के ड्रॉप्लेट्स फर्श पर ज्यादा देर तक रहते हैं, यह मानसून चेतावनी वाला होगा।
मौसम के जानकार बता रहे कि इस बार देशभर में मानसून करीब-करीब तय समय पर ही आता जाएगा। समय पर केरल से दाखिल हुआ है और समय से उत्तर की ओर बढ़ता जा रहा है। मानसून की आमद के साथ कोरोना का डर और बढ़ गया है।
ऐसे में केंद्रीय औषधि संस्थान (सीडीआरआई) लखनऊ के डिप्टी डायरेक्टर (रिटा.) प्रदीप श्रीवास्तव और एसजीपीजीआईएमएस, लखनऊ के इंडोक्राइन एंड ब्रेस्ट सर्जरी विभाग के प्रोफसर डॉ. ज्ञानचंद से बातचीत में हमने समझने की कोशिश की कि बारिश में होने वाली बीमारियों और कोरोनावायरस के खतरों को लक्षण के आधार पर कैसे पहचानें और उससे बचें कैसे। यह है 17 तरीके मानसून और कोरोना के बीच सावधानी रखने के लिए :-
- बारिश का कोरोना पर प्रभाव :-
रिसर्च के अनुसार किसी भी मौसम का कोरोना पर सीधा असर नहीं पढता है और इसीलिए बारिश का भी कोई प्रभाव नहीं होगा वायरस पर ।
- बारिश के पानी का कोरोना पर प्रभाव :-
केवल बारिश का पानी कोरोनावायरस ख़तम नहीं कर सकता है। हमारे हाथ से भी कीटाणु तब नष्ट होते है जब हम उसे साबुन से धोते है।
- कोरोनावायरस का बारिश में बर्ताव :-
बारिश में भी कोरोना उसी तरह से बर्ताव करेगा जैसे अभी कर रहा है बस बरसात में उसके किसी भी सरफेस पर उसके सक्रिय रहने की क्षमता बढ़ जाएगी।
- घर या घर के सामानों पर ज्यादा देर तक सक्रिय रह सकता है
कोरोना घर के फर्श पर ज्यादा देर तक एक्टिव रह सकता है। अतः फर्श की रोज़ाना और अच्छे से सफाई ज़रूरी है। इन्फेक्शन से बचने के लिए यह भी आवश्यक है की घर के खिड़की दरवाज़े खुले रखें क्योंकि ताज़ा हवा ज़रूरी है।
- मानसून में कोरोना को लेकर सावधानी
कुछ छोटी छोटी बातों पर विशेष ध्यान देना होगा जैसे- घर में नंगे पैर नहीं घूमना है, फर्श की सफाई पर ज्यादा ज़ोर देना है, बहार से आने पर जूते चप्पल बाहर रखने है और बंद कमरे में नहीं रहना है।
- कोरोना इन्फेक्शन के चान्सेस बढ़ सकते है
बरसात में बैक्टीरिया इन्फेक्शन की संख्या बढ़ जाती है जिसके कारण इम्यून सिस्टम को ज्यादा काम करना पढता है। यदि इम्यून सिस्टम कमज़ोर पढ़ा तो कोरोना होने के चान्सेस भी बढ़ जायेंगे।
- ज्यादा गरम मौसम वायरस फैलने से रोकता है
रिसर्च में यह बात सीधे तौर से नहीं निकली है और इसीलिए मौसम से सीधा प्रभाव नहीं है इसका।
- बारिश में मास्क का भीगना
मास्क मुँह की नमी से भी गीला होता है तो भी ख़राब हो जाता है। मास्क भीगने के बाद किसी काम का नहीं है।
- रेनकोट का प्रयोग
बारिश में रेनकोट का भी प्रयोग उसी तरह करना होगा जैसे कपड़ों का करते है। इसे इस्तेमाल के बाद गरम पानी में धोना होगा।
- हुमिडीटी और वायरस
बरसात में हवा में हुमिडीटी बढ़ने से इन्फेक्शन काम दुरी तक फैलता है।
- बारिश और इम्युनिटी
वायरस का फैलना मौसम से सीधे प्रभावित नहीं होता है। मौसम के अनुसार हम अपनी दिनचर्या, खाना पीना बदल देते है उससे वायरस के फैलने पर प्रभाव पढता है।
- बारिश और सेंट्रल AC
AC के प्रयोग से बचना चाहिए क्योंकि सेंट्रल AC में पता नहीं कितने लोग होते है और जब कोई खांसता है तब इन्फेक्शन दूसरों में फेल सकता है।
- बारिश और पब्लिक ट्रांसपोर्ट
AC या Non AC बस या ट्रैन में तभी खतरा होगा जब कोई व्यक्ति इन्फेक्टेड हो।
- बारिश और सब्ज़ियां
ऐसे फल व सब्ज़ियां जिसमें विटामिन A, B, C, D तथा E आयरन एवं जिंक हो काफी लाभ देते है ।
- इम्युनिटी बढ़ाने के लिए रूटीन
नियमित दिनचर्या इम्युनिटी मज़बूत करने के काम आएगी। नियमित योग, व्यायाम , वॉक, नाश्ता इम्युनिटी मज़बूत करने में काफी सहायक है ।
- कोरोना पॉजिटिव मरीज़ों के घर का पानी
कोरोना से संक्रमित व्यक्ति के मल एवं मूत्र में कोरोना पाया गया है। यदि संक्रमित व्यक्ति खुले में थूकता है तो बारिश के पानी से संक्रमण फेल सकता है।
- बारिश और मोबाइल का प्रयोग
अगर कोई संक्रमित व्यक्ति फ़ोन का उपयोग करता है तो वायरस फ़ोन पर पहुंच जायेगा और यदि वही मोबाइल जब कोई और छुएगा तो उसे भी संक्रमण का खतरा है।