कोरोना वायरस से देश में अब तक हज़ारों में मौतें दर्ज हुई है वहीं कोरोना के मरीजों की संख्या में भी बढ़ोतरी हो रही है लेकिन राहत भरी खबर यह है कि कोरोना के मरीज स्वस्थ्य भी हो रहे हैं। अच्छे से हाथ धोना ना सिर्फ ज़रूरी है, कोरोना वायरस को मारने के लिए एक सरल तरीका भी|
कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में सैनिटाइजर को एक अहम औजार माना गया है। शुरुआत से ही वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन (WHO) ने लोगो को साबुन या सैनिटाइजर से हाथ धोने की सलाह दी थी और इसी के चलते दोनों की बिक्री में भी काफी बढ़ोतरी हुई। हालांकि एक नई बहस भी शुरू हो चुकी है कि वायरस से लड़ने के लिए साबुन बेहतर है या सैनिटाइज जिसमें ये पाया गया है की वायरस को मारने में अल्कोहल का कार्य सामान्य साबुन की तुलना में बेहतर है।
जिस सैनिटाइटर का उपयोग आप कर रहे हैं, उसमें alcohol की मात्रा 60% या अधिक होनी चाहिए।
AIIMS कहता है – कोरोना वायरस में lipid envelope होता है। साबुन डिटर्जेंट lipid को नष्ट कर देता है। अल्कोहल के लिए भी यही सच है। आप यह भी देखते हैं कि जब संक्रमित व्यक्ति खांसता है, तो वायरस बूंदों के माध्यम से बाहर निकलता है। बाहर निकलकर वायरस ठोक सतह पर कई घंटे जीवित भी रहता है। सैनिटाजइर में होने वाला अल्कोहल इसी विषाणु को मारने का काम करता है।
यूएस नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ ने वायरस के आकार और उसकी संरचना के बारे में बताया। जैसे अन्य वायरस होते हैं उसी तरह कोरोना वायरस होता है जो आकार में गोलाकार होते है और उनमें प्रोटीन होते हैं, जिन्हें स्पाइक्स कहा जाता है जो उनकी सतह से फैलते हैं। ये स्पाइक्स मानव कोशिकाओं को निष्क्रिय करते हुए अधिक से अधिक वायरस का निर्माण करते हैं। यह सब एक मोटी परत की मदद से होता है, जिसे envelope कहते हैं। यह वह परत है जो 60% से अधिक अल्कोहल वाले साबुन या सैनिटाइजर के संपर्क में आते ही खत्म होने लगती है, लिफाफे के envelope से वायरस पहले की ही तरह हो जाते हैं और उनका खात्मा होने लगता है। यही कारण है कि दुनियाभर के विशेषज्ञ और सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थान इस बात से सहमत हैं कि कम से कम 20 सेकंड तक हाथ धोने से COVID-19 के फैलने का खतरा कम करेगा।
इस बात में कोई शक नहीं है की कोरोना के खिलाफ जंग में साबुन और सैनिटाइजर को निरंतर प्रयोग में लाने को कहा जा रहा है। लेकिन क्या आपने कभी सोंचा है ऐसा क्या है साबुन और सैनिटाइजर में जो कोरोना जैसे खतरनाक बीमारी का रामबाण इलाज बना हुआ है. इसका उत्तर इस वायरस के बारे में जानकार पता लगाया जा सकता है।
दरअसल, वायरस मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं। आरएनए, प्रोटीन और लिपिड ये तीन तरह से हमारे शरीर में तीन परतों का निर्माण करते हैं। लिपिड बाहरी परत का निर्माण करता है और यह स्ट्रकचर बनाए रखने में मदद करता है लेकिन वायरस के स्ट्रकचर में बाहरी परत ही सबसे कमजोर कड़ी होती है। अत: इसे उपर ही समाप्त किया जा सकता है। और इसे समाप्त करने के लिए किसी केमिकल की जरूरत होती है। और इसी में सहयोगी होता है हमारा साबुन व सैनिटाइजर। जो वायरस को उपरी परत में मार कर साफ कर देता है। इसलिए विशेषज्ञों का कहना है कि साबुन से करीब 20 सेकेंड से तक स्क्रब करें।
इन्फ्लुएंजा, न्यूमोवायरस समेत कई और भी ऐसे वायरस से जिससे दुनियाभर में लाखों लोगों की प्रति वर्ष मौत हो जाती हैं। इस वायरस से श्वसन संक्रमण हो जाता है जिससे लोगों की मौत हो जाती हैं। गर्म पानी हमारे शरीर के छिद्र में छूपे किटाणुओं तक साबुन और सैनिटाइजर को पहुंचाकर साफ करता है। इससे, वायरस जो तीन अलग-अलग परत में जमे होते है उसे जड़ से साफ करने में मदद मिलती है।
कैसे करें बचाव
– पीने और स्नान के लिए गर्म पानी का उपयोग करें।
-कपड़े भी गर्म पानी में धुले जाएं।
-आप अपने घर में कुछ दिन खुद ही काम करें।
-खांसते, छींकते समय नाक व मुंह पर रूमाल रखें।
कहीं से आने के बाद घर में भाप लें।
कोरोना वायरस के चलते होने वाली बीमारी को लेकर भ्रमित होने की आवश्यकता नहीं है। किसी भी वायरस को आसानी से नहीं देखा जा सकता है। सावधानी के तौर पर लोग गर्म पानी का सेवन करें। आप चाहें तो आम दिनों में भी आप गर्म पानी और साबुन से स्क्रबिंग करें इससे कई घातक बैक्टीरिया के समूह को मारा जा सकता है जो आपके शरीर में जाकर बीमारियों का घर बना सकता हैं।