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    इंदौर ट्रैफिक पुलिस से बदतमीज़ी अब पड़ेगी भारी – Body Worn Camera से होगी रिकॉर्डिंग

    बाॅडी वॉर्न कैमरा का उपयोग अब यातायात में भी किया जाने वाला है। इसके तहत पुलिस की वर्दी पर बाॅडी वॉर्न कैमरा लगाए जाएंगे जिससे  पुलिसकर्मी की लोकेशन भी कंट्रोल रूम पर रहेगी और यदि किसी ने विवाद किया तो शासकीय कार्य में बाधा का केस भी दर्ज हो सकता है, क्योंकि पुलिस के पास सबूत रहेगा। 

    ट्रैफिक पुलिस अब बॉडी वॉर्न कैमरे से लैस हो चुकी है। ट्रैफिककर्मी चेकिंग के दौरान इन कैमरों को लगाकर चालान बनाएंगे। यदि कोई अभद्रता या मारपीट करता है तो उसकी पूरी रिकॉर्डिंग कंट्रोल रूम पहुंच जाएगी। ज्यादा विवाद होने की स्थिति में यातायातकर्मी संबंधित व्यक्ति के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा का केस भी दर्ज करवा सकेगा। इसके सबूत भी कैमरे में कैद रहेंगे। इसके अलावा कोई व्यक्ति यातायातकर्मी की शिकायत करेगा तो अफसर रिकॉर्डिंग देखकर सही तथ्य का पता लगा लेंगे।

    इस व्यवस्था की जरुरत इसलिए हुई क्यूंकि यह अक्सर देखा गया है की कई बार चेकिंग के दौरान  पुलिसकर्मियों के साथ अभद्रता और मारपीट तक हो जाती है। लोग पुलिस पर आरोप लगाते हैं कि उनके साथ दुर्व्यवहार हुआ है। लेकिन इस कैमरा की मदद से यदि कोई व्यक्ति विवाद करता है तो उसके खिलाफ सारे सबूत मौजूद रहेंगे। जरूरत पड़ने पर उसके खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा की कार्रवाई भी की जा सकती है।  शुरुआती तौर पर इसका उपयोग एबी रोड, रिंग रोड और एमजी रोड समेत ज्यादा भीड़-भाड़ वाले इलाकों में किया जाएगा। ट्रैफिक डीएसपी  के अनुसार, इंदौर पुलिस काे मुख्यालय से 20 बॉडी वॉर्न कैमरे मिले हैं।

    डिलीट नहीं होगी इसकी रिकाॅर्डिंग

    इस सिस्टम की खासियत यह है कि इसकी रिकॉर्डिंग कोई भी डिलीट नहीं कर सकता है। यानी इसके आधार पर जो कार्रवाई होगी वह निष्पक्ष रहेगी। यह कैमरा सिपाहियों के कंधे या सीने पर लगा होगा। इसकी टेस्टिंग और प्रशिक्षण भी हो गया है। संबंधित अफसरों ने इसका इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है।

    राजनीतिक रसूख दिखाने वाले विवाद ज्यादा होते हैं | अफसरों के अनुसार, नेताओं ने ज्यादातर विवाद किए हैं। इसमें सबसे ज्यादा चर्चित विवाद सोनू वाजपेयी और मंत्री सज्जन वर्मा के भतीजे अभय वर्मा के बीच हुआ था। उसके बाद कांग्रेस नेताओं ने राजबाड़ा पर विवाद कर कांग्रेसी विधायक के नाम पर एक ट्रैफिककर्मी को सस्पैंड करने तक की धमकी दे दी थी। इसके अलावा कांग्रेस नेता देवेंद्र सिंह यादव दो बार ट्रैफिक कर्मियों से विवाद कर चुके हैं।

    अगर आप भी उन लोगों में से हैं जो सोचते हैं की ट्रैफिक पुलिस को कुछ भी कह सकते हैं, बढ़तीमजी कर सकते हैं, या उनका डंडा लेकर भाग सकते हैं, नेताओं की गीदड़ भबकी दे सकते हैं, तो एक बार सोच लें क्युकी ट्रैफिक पुलिस अब बॉडी वॉर्न कैमरे से लैस हो चुकी है |

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