पर्यावरणप्रेमियों को अपनी ओर आकर्षित करने वाले शहर के रालामंडल अभ्यारण में अब वन्य प्राणियों से रूबरू होने के साथ ही होलकर काल का इतिहास भी जानने को मिलेगा। यहां साउंड सिस्टम लगाने का काम अंतिम दौर में है। साथ-साथ होलकर काल के अस्त्र-शस्त्र और जीवाश्म केंद्र में डायनासोर के अवशेष भी पर्यटकों को दिखाए जाएंगे।रालामंडल को होलकरकालीन इतिहास से जोडऩे के प्रयास पांच साल से चल रहे हैं।
पहाड़ी पर स्थित शिकारगाह में उस दौर के अस्त्र-शस्त्र जुटाए गए। इसे म्यूजियम का रूप देते हुए अब साउंड सिस्टम लगवाया जा रहा है। साउंड सिस्टम के जरिए वॉइस ओवर आर्टिस्ट की रिकॉर्डिंग सुनाई जाएगी, जिससे होलकर वंश का गौरवशाली इतिहास होगा। इसका मैटर तैयार करने के लिए होलकर परिवारों के साथ-साथ इतिहासकारों की भी मदद ली गई है। उम्मीद जताई जा रही है कि अगले माह तक ये म्यूजियम सामान्य पर्यटकों के लिए शुरू कर दिया जाएं।