स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 में चौका लगाने के बाद इंदौर फिरसे नया कीर्तिमान स्थापित किया है। इंदौर के वासियों एवं नगर निगम के सतत प्रयास से इंदौर शहर ने फिरसे यह दर्ज़ा हासिल किया है। जानिए कुछ ऐसे कारण जिनसे इंदौर ने यह स्वच्छता का चौका लगाया है :-
सिटीजन फीडबैक :-
इंदौर के लोगों ने स्वच्छता को न सिर्फ सराहा बल्कि उनके जवाबों के कारण इंदौर फिर नंबर 1 बन सका।
वेस्ट रिडक्शन :-
नगर निगम ने सिंगल यूज प्लास्टिक बैन किया गया, डिस्पोजल के स्थान पर बर्तन बैंक और थैलियों के विकल्प में झोला बैंक शुरू किया गया, डिस्पोजल फ्री बनाए गए 56 दुकान और सराफा मार्केट।
रेवेन्यू कलेक्शन :-
कचरा प्रबंधन शुल्क के 40 करोड़ वसूले, ये वो शिखर था जिसे कोई दूसरा शहर छू भी नहीं सका। यहां तक नं. 2 रहे भोपाल में भी कचरा प्रबंधन शुल्क 15 करोड़ से ज्यादा नहीं रहा।
वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम :-
शहर की 16 हजार इमारतों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम स्थापित किया गया।
जीरो वेस्ट कॉलोनी का विकास :-
घरों से निकलने वाले गीले कचरे को घरों में ही खाद में बदलकर 10 से ज्यादा कॉलोनियों को जीरो वेस्ट कॉलोनी बनाया गया।
सिटी फॉरेस्ट बनाया गया :-
ट्रेंचिंग ग्राउंड में 15 लाख टन पुराना कचरा हटाकर 60 हजार से ज्यादा पौधे लगाकर सिटी फॉरेस्ट बनाया गया।
टीम IndoreHD समस्त इंदौर वासियों को स्वच्छता का चौका लगाने की बधाई देता है, और आशा करता है की इंदौर शहर फिरसे पांचवी बार भी स्वच्छता में अव्वल आये।