इंजीनियरिंग कॉलेज श्री गोवदराम सेकसरया प्रोद्योगिक एवं वान संस्थान ने कोरोना से बचने के लिए कुछ खास उपकरण तैयार किये है।
कोरोना वायरस (Coronavirus Outbreak) के कहर से कौन परेशान नहीं है। अब जब तक वैक्सीन नहीं मिल जाती तब तक इसके साथ जीना ही एकमात्र साधन है । इससे बचाव के जरिये ज़रूर है और इसी के तहत मास्क पहनना बेहद ज़रूरी है। मगर कई लोग इसे गंभीरता से नहीं लेते है जिसके कारण संक्रमण फैलने का खतरा रहता है।
ऐसे में स्तिथि की गंभीरता को देखते हुए इंजीनियरिंग कॉलेज (Engineering College) श्री गोवदराम सेकसरया प्रोद्योगिक एवं वान संस्थान ने आटोमेटिक सैनटाइजेशन मशीन, मास्क डिटेक्शन मशीन (Mask Detection Machine) तैयार की है जिसे दफ्तर, शिक्षण संस्थान या अन्य सार्वजनिक स्थान पर लगाने से पता चल जायेगा की किसने मास्क नहीं पहना है।
मास्क डिटेक्शन उपकरण को डीप लर्निंग और कंप्यूटर के पायथन लैंग्वेज से डिज़ाइन किया गया है।
संस्थान के अनुसार उपकरण बनकर तैयार हो चुके है जिसे शहर के दो क्लिनिक और पैथोलॉजी लैब में डिज़ाइन किया गया है। संस्थान का दावा है की उन्होंने इसे आठ से दस हजार रूपए में तैयार किया है। इसके अलावा संस्थान ने ड्राप और आटोमेटिक सैनटाइजर मशीन भी तैयार की है।
आपको बता दें की इस सॉफ्टवेयर को इंटरनेट से भी कनेक्ट किया जा सकता है।
अगर किसी घर में पहले से सीसीटवी कैमरे लगे है, उन्हें इसका सिर्फ सॉफ्टवेयर कंप्यूटर में इनस्टॉल करना होगा। ऐसा करने पर घर के गेट पर अगर कोई बिना मास्क के आता है तो उसकी पहचान हो जाएगी और सायरन बजने लगेगा।