कोरोना संक्रमण के करीब दो महीने बाद अब बाजार को सुचारु बनाने के प्रयास तेज होने लगे हैं। जैसे जैसे मरीज़ों के ठीक होने की दर बढ़ती जा रही है, वैसे वैसे प्रशासन भी इस दिशा में सक्रिय है। एक और जहाँ औद्योगिक और कारोबारी संगठनों द्वारा बाजार को चरणबद्ध खोलने की मांग की जा रही है, साथ ही साथ अलग-अलग तरह के सुझाव भी दिए जा रहे हैं।
जैसे की एक सुझाव के तहत इंदौर स्कूटर ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष शेखर खन्ना व सचिव बल्लू भराणी ने कलेक्टर को पत्र लिखकर सुझाव दिया हैं जिसमें उन्होंने सचित रहने के लिए एक दिन में एक ही तरह के बाजार खोलने का सुझाव दिया है जिससे भीड़ एकत्रित नहीं होगी। पहले चरण मेंअनिवार्य वस्तु वाले बाजार जैसे किराना, स्टेशनरी, इलेक्ट्रिक व इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोपार्ट्स को शामिल करते हुए इन्हें खोला जाना चाहिए। इसके अलावा निजी लैब में कर्मचारियों की कोरोना जांच की मंजूरी का भी सुझाव दिया गया है जिससे की इंडस्ट्रीज भी शुरू हो सकें।
उद्योगपतियो ने सुझाव देते हुए कहा की यदि वे अपने यहाँ काम करने वाले श्रमिकों, कर्मचारियों के कोरोना टेस्ट करा सकेंगे तो टेस्ट रिपोर्टआने के बाद वे उनसे काम करा सकेंगे, जिससे किसी को संक्रमण का खतरा भी नहीं रहेगा। हालांकि कलेक्टर मनीष सिंह का कहना है कि इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने टेस्ट कराने की गाइड लाइन दी हुई है जिसके अनुसार बेवजह टेस्ट नहीं करा सकते हैं। प्रशासन ने यह निर्देश दिया है कि मंजूरी शर्तों का पालन करते हुए काम कराएं और जो भी संदिग्ध लगे तत्काल जांच कराएं। फूड प्रोसेसिंग से जुड़ी यूनिट ने भी तत्काल काम शुरू कराने की मंजूरी मांगी है, क्योंकि उन्हें आशंका है कि कच्चा माल खराब हो जाएगा, जिससे भारी नुकसान होगा।पीथमपुर की कुछ इंडस्ट्री ने सागर वअन्य जिलों सेअपने श्रमिक बुलाने की मंजूरी मांगी है।
दूसरी और आर्थिक गतिविधियों को तेज करने को लेकर सांसद शंकर लालवानी के साथ ही सीए और कलेक्टर मनीष सिंह की बैठक हुई। इसमें सीए एसोसिएशन के चेयरमैन हर्ष फिरोदा ने मांग रखी कि सीए को ऑडिट करना होता है, इसके लिए मंजूरी दी जाए जिस पर कलेक्टर ने पास जारी करने की बात कही।पूर्व चेयरमैन सीए अभय शर्मा ने बताया की इंडस्ट्रीज तो चालू हो गई लेकिन सीए ऑफिस अभी भी बंद हैं।क्लाइंट्स का सारा रिकॉर्ड तथा सिस्टम सीए केऑफिस में ही होता है अतः कुछ शर्तों के साथ सीए ऑफिस चालू करने कीअनुमति दी जाए।
कलेक्टर ने दफ्तर खोलने की तो इज़ाज़त नहीं दी लेकिन अधिक सेअधिक होम डिलीवरी सिस्टम को मजबूत करने के लिए कहा, जिससे बाजारों में भीड़ नहीं आए।मोबाइल क्लीनिक और मोबाइल डिस्पेंसरी चालू करने की भी सुझाव दिया गया।कलेक्टर ने सचेत करते हुए कहा कि जून-जुलाई में फिर से केस बढ़ने की बात कही जा रही है और इस स्थिति से इंदौर को बचाना है।इसलिए सतर्कता के साथ चरणबद्द तरीके से ही आगे बढ़ना होगा।सांसद ने भी कहा कि बाजार की गतिविधियां धीरे-धीरे बढ़ाई जा रही है और सभी के सुझाव से ही इंदौर में आगे बढ़ेंगे।
किराना और सब्जियों की डोर-टू-डोर डिलीवरी के बाद फलों के लिए फल विक्रेताओं की बैठक होगी। इसके अंतर्गत फलों की बास्केट के रेट तय किए जाएंगे।निगमायुक्त प्रतिभा पाल ने बताया फल विक्रेताओं की आपस में लगातार बैठकें चल रही हैं जिसमें इस बात पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है की सभी बातें पहले ही तय हो जाये।
आपसी बैठक के बाद प्रशासन के साथ बैठक कर फलों की बास्केट के रेट तय किए जाएंगे।एक की दर 150 से 200 के आसपास रखी जाए तथा दूसरी 300 से 350 की रेंज में होगी।बड़ी बास्केट में फलों की संख्या ज्यादा होगी जो बड़े परिवार के हिसाब से होगी। सब्जियों की तरह ही फलों की भी बास्केट तैयार करने के लिए बायपास के गार्डनअधिगृहित किए जाएंगे।