इंदौर में कोरोना की चेन तोड़ने के लिए प्रशासन द्वारा 20 मई को सख्त लॉकडाउन के आदेश जारी कर दिए गए थे। इसे लेकर हाई कोर्ट ने सोमवार को नाराजगी जाहिर की। आदेश को याचिकाकर्ता चंचला गुप्ता की ओर से अधिवक्ता अभिनव मल्होत्रा ने जबलपुर हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। चीफ जस्टिस मो. रफीक, जस्टिस अतुल श्रीधरन की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए इंदौर कलेक्टर को लोक हित को ध्यान में रखते हुए नए आदेश जारी करने को कहा है।
याचिकाकर्ता चंचला गुप्ता ने बताया, उनकी ओर से अधिवक्ता अभिनव मल्होत्रा ने पैरवी की थी। उन्होंने बताया कि 20 मई को कलेक्टर मनीष सिंह ने सख्त लॉकडाउन काे लेकर आदेश जारी किया था। उन्होंने अचानक से सबकुछ बंद कर दिया था। अगले दिन लोगों की जो पीड़ा सामने आई थी, सभी ओर से जो विरोध के स्वर उठे थे।
इसे देखते हुए हमने प्रशासन से मांग की थी कि कुछ ऐसा डिसीजन लें, जिससे छोटे व्यापारी, किराना, सब्जी वालों का काम चल सके। जब इंदौर में संक्रमण दर काफी थी, तो यह सबकुछ आंशिक रूप से चालू थीं। जब संक्रमण लगातार घट रहा है, तो ऐसे में 10 दिन के लॉकडाउन के आदेश उचित नहीं थे।