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    सरल भाषा में जाने क्या चल रहा है लदाख LAC पर?

    लद्दाख में गलवान घाटी में भारत और चीन के बीच भले गोली-बम नहीं चले लेकिन फिर भी दोनों देशों ने अपने सैनिक गँवा दिए। हाथ, डंडे, पत्थर की यह लड़ाई इतनी भीषण थी कि कई सैनिक घाटी से ही नीचे भी गिर गए। 

    क्यों चिढ़ा है चीन? 

    चीन लंबे वक्त से LAC पर खुद को मजबूत करने में लगा है। उसने खुद वहां 6 हजार के करीब सैनिक, अर्टलरी गन, टैंक आदि तैनात किए। लेकिन भारत ने जब गलवान में सड़क निर्माण किया तो उसे ठीक नहीं लगा । उसके सैनिकों ने भारतीय जवानों को एक सीमा से आगे जाने से रोका भी। इसके बाद से ही स्थिति बिगड़ी।

    फाइटर प्लेन बॉर्डर के पास भेजे गए

    आपको बता दे 5 मई से लगातार लद्दाख बॉर्डर पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच महौल गर्म था। लेकिन किसी ने भी यह नहीं सोचा था कि हालात इतने बिगड़ जाएंगे कि बगैर गोली चले भारत के 20 जवान शहीद हो जाएंगे। इस हिंसा में चीन को कितना नुकसान हुआ है फिलहाल उसने यह छिपाकर रखा है। 15 जून को भी सब ठीक ही था, लेकिन शाम को अचानक चीनी सैनिकों ने भारतीय ऑफिसर और उनके दो जवानों पर हमला बोल दिया। देखते-देखते दोनों तरफ से करीब 700 सैनिक वहां जमा हो गए थे। और इसी हिंसक झड़प के बाद भारत ने किसी भी हालात से निपटने की अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं।

    चीन लगातार चौथे दिन बोला- जो हुआ, वह भारत की जिम्मेदारी

    एयरचीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया  लेह पहुंचे थे। उनका यह दौरा अचानक तय हुआ था। इसके बाद वे श्रीनगर एयरबेस भी गए थे। शुक्रवार को यह जानकारी सामने आई। इस बीच, एयरफोर्स ने अपने फाइटर प्लेन फाॅरवर्ड बेस और एयरफील्ड की तरफ भेज दिए हैं।

    सूत्रों के अनुसार एयरफोर्स चीफ दो दिन के दौरे पर आए थे। पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल के पास चीन ने 10 हजार से ज्यादा सैनिक तैनात किए हैं। ऐसे में एयरफोर्स चीफ ने किसी भी हालात से निपटने की ऑपरेशनल तैयारियों का जायजा लिया। 

    भारत ने सुखोई-30, मिराज 2000 तैनात किए

    एयरफोर्स ने सुखोई-30 एमकेआई, मिराज 2000 और जगुआर फाइटर एयरक्राफ्ट को फाॅरवर्ड बेस पर भेजा है ताकि वे शॉर्ट नोटिस पर भी उड़ान भर सकें। 

    चीन ने लगातार चौथे दिन कहा- जो हुआ, उसकी जिम्मेदारी भारत की

    चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाऊ लिजियन ने शुक्रवार तक बयान में कहा है-  सही क्या है और गलत क्या है, यह एकदम साफ है। जो कुछ हुआ, उसकी पूरी जिम्मेदारी भारत की है। भारत-चीन बातचीत कर रहे हैं।

    वही देश में ऑल पार्टी मीटिंग हुई थी जिसमें भारत और चीन के विषय पर बातचीत की गयी थी। लेकिन उससे पहले राहुल गांधी ने भारत-चीन झड़प के मुद्दे पर  सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था की सरकार गहरी नींद में थी जिसके कारण हमारे जवानों ने इसकी कीमत चुकाई है।

    चीन के मुद्दे पर ऑल पार्टी मीटिंग से पहले राहुल ने 3 बातें कहीं… 

    1. यह एक सोची-समझी साजिश थी।

    2. समस्या को सरकार ने नहीं समझा 

    3. जवानों ने इसकी कीमत चुकाई।

    दरअसल, राहुल रक्षा राज्य मंत्री श्रीपद नाइक के एक बयान पर प्रतिक्रिया दे रहे थे। नाइक ने कहा था कि चीन ने सोची-समझी साजिश के तहत भारत पर हमला किया था। भारत की सेनाएं इसका करारा जवाब देंगी।

    (We do not support any ruling parties, the above article is fact based)

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