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    Diwali ke Behtereen Items jo aapko logo ke yahan milne jane pe majboor karde

    हा तो भिया क्या हिसाब? अब क्या 3-4 दिन में दीपावली है और अपन को तो ये त्यौहार इसलिए पसंद है, क्योंकि अपन को खाने को लपक के मिलता है इसमें। साल भर जो चीज़े सूतने को तरसते है, उसका तामझाम ये एक हफ्ते भर मिल जाता है। और तो और, मम्मी जो बनाये वो तो बनाये ही, पड़ोस वाली आंटी जो बनाती है, वो भी लपकने को तत्पर तैयार रेते है अपन। मेने सोचा की तुम लोगो को भी बताऊ और तुमसे पुछु की तुम क्या निपटाते हो दीपावली के टेम।

    गुजिये


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    अब इसके बिन दीपावली ऐसी है, जैसे कार बिन पेट्रोल। ये वोआत्मा शांत करने वाला आइटम है, जो अपन दर्जन भर के हिसाब से खा सकते है। ये कितना भी देदो अपन को, बिना उफ़ करे डकारते जाते है ये अपन। घर में जब ये ख़तम होने पे आते है, तो पड़ोस वाली आंटी के यहाँ दिवाली मिलन पे चले जाते है अपन, और ललचाई नज़रो से उनको देखते ही की भिया पेस करदो अपने सामने गुजिया।

    चकली


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    ये जो कुरमुरा आइटम है न दिवाली का, ये गुजिया खाने के बात मुह से मिठास को कम करने का काम करता है, यदि औकात के बाहर गुजिये सूत लिए हो। पर चकली सदाबहार आइटम है, मलब ऑफिस हो या घर, आँगन हो या छत, कही भी इसको मुह में रख के चुबलाने का जो मजा है, वो और कहाँ।

    बेसन की सेउ, एकदम अलग टाइप की


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    नी, ये वो सेउ नी है वो रतलामी और उज्जैन वाली, नी। ये मामला अलग है। ये क्या कड़क होती है और लंबी होती है की मुह में डालो तो सांप जैसी मुह के बाहर आ जाए और फिर इसको चबा चबा के अंदर करना पड़ता है स्वाद वास्ते। इसका भरपूर आनंद है और अपन तो कटोरा भर के निपटाते है इसको।

    मठरी


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    ये आइटम कई भी खालो साल भर, दूकान से लेलो या पैकेट वाले लेके हींच लो, पर जो दिवाली की पेसल मठरी है, उसके अग्गे सब फेल है। देखो भिया क्या है की माहौल का खेल है, दिवाली में माहौल ही ऐसा रमता है, की उसकी मठरी में ऐसा पोहे जीरावन सा नशा उठ जाता है और अपन सो लपक के सूत लेते है।

    चिवड़ा


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    जो चीज़ पोहे जैसी दिख जाए, बस उसके आगे कुछ भी कहना बेकार है। फिर तो वो सीधे मुँह की और जाती है, और जैसे निर्वाण प्राप्त हो जाता है। चिवड़े का हिसाब भी यही है भिया, ये तो मुट्ठी भर भर के उठता है प्लेट में से और पेट भर भर जाता है। चिवड़ा घर में अगले दो तीन हफ्ते के हिसाब से बनता है क्योंकि सब जानते है की चिवड़े के नाम पे घर पे चटोरो की जमात है!

    तो भिया ये थे अपने एकदम भिन्नाट, दिल के करीब, दिवाली वाले खाने के आइटम। यदि तुमको और याद आ रिये है, तो लिख दो नीचे कमेंट में और हमको दावत पे बुला लो।

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