तो ये है हिसाब भिया, इधर हिंदी तो है, पर जरा अपने इश्टाइल से। जिसको जमता है, वैसा बोलता है यहाँ। तो इन सब चीजो को देखते हुए अपन ने सोचा की जो जो इस्तेमाल हो रिया है रोज़ वास्ते, वो वो शब्दोन को हींच देते है अपने नए आर्टिकल में।
बोहोत जगोह है, निकल जाएगी।
तो भिया कार हो या बाइक, स्कूटर हो या साइकिल, जगोह बताने वास्ते बोहोत मिलते है यहाँ। तो गिटार चौराहे से लेफ्ट मारने टेम यदि जगोह काम पड़ जाए या मालवा मिल के पास गोटू महाराज की चाल के उधर गाडी नी निकले, तो किसी से भी पूछ लेना की आन दू क्या? बस फिर देखना, कित्ते ही जगोह बताने वाले मिल जाएंगे।
चौराए कने मिल तू।
अब ये कुछ भी हो सकता है बड़े भाई। ये अपने दोस्त को मिलने वास्ते बुलाने की जगोह हो सकती है, या किसी डेढ़ चाल को सम्पट सिखाने वास्ते बुलाने का पीवाईन्ट। चौराहे कोन सा भी हो, उसके साइड में एक अड्डे पे मिलन होता है इधर।
किन्ने बोला था तेको।
अब ये अक्कल बांटी जा री है दादा पेलवान द्वारा दूसरे को। ये अंकल द्वारा भी हो सकता है, या पुलिस वाले अंकल द्वारा भी। यदि ये सुनने मिल जाए तो समझ लेना काम नी करा है तुमने सही और अपने हिसाब से अक्कल पेल दी फ़ोकट।
चल्लू हो गयी बे।
ये पीछे खड़े ऑटो वाले की चीत्कार हो सकती है, या साइड में खड़े स्कूटर पे बैठे घुटखा चुबलाते अंकल का संकेत, की भिया, ग्रीन लाइट चल्लू हो गयी है, तो गाडी सरका आगे। यदि ये सुनाई पड़ जाए, तो बिना सोचे समझे चल दो।
तू अलग नी मान रिया है यार।
अब इसके दो इस्तेमाल है, यदि अच्छे कपडे पेन लिए है, तो ये सुनने मिल जाएगा और यदि गाडी स्किड खिला के रोक दी कॉलेज के गेट पे, तो भी ये सुनने मिल जाएगा। और यदि गलती करदी हो, तो भी यही सुनने मिलेगा।
ऐसे तो बोहोत से वर्डओन है, जो रोज़ के वास्ते इस्तेमाल होते है, पर अपन ने सोचा की आर्टिकल साला लपक के लंबा हो जाएगा और तुम्हारे पोहे ठन्डे हो जाएंगे, तो सोचा उत्ता ही लिखू, जित्ते में एक कट और पोहे भी निपट जाए और पढ़ने का मामला भी सलट जाए।
मिलते है भाई लोग. जय सिया राम।